एलर्जी / Allergy का उपचार और बचने के उपाय allergy treatment in ayurveda in hindi

एलर्जी / Allergy किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में और किसी भी चीज से हो सकती हैं। एलर्जी का अटैक आने पर पीड़ित व्यक्ति को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। कभी-कभी घर, कॉलेज या ऑफिस में एलर्जी के कारण सरल काम करना भी मुश्किल हो जाता है और साथ ही शर्मिंदगी का एहसास भी होता हैं।

एलर्जी से बचने के लिए एलर्जी के कारणों का पता लगाना बेहद जरुरी हैं। एलर्जी के विविध कारण, लक्षण और निदान संबंधी अधिक जानकारी के लिए हमारा यह लेख पढ़े - एलर्जी के कारण, लक्षण और निदान !

एलर्जी का उपचार और एलर्जी से बचने के उपाय संबंधी जानकारी निचे दी गयी हैं :

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एलर्जी का उपचार

एलर्जी का उपचार, एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति के लक्षण और उसकी तीव्रता पर निर्भर करता हैं। एलर्जी के उपचार संबंधी अधिक जानकरी निचे दी गयी हैं :
  1. एलर्जी विरोधी दवा / Anti-Allergic Medicine : एलर्जी की तीव्रता कम होने पर पीड़ित व्यक्ति को Anti Allergic दवा दी जाती हैं जैसे की Cetrizine, Levocetrizine, Loratidine इत्यादि। यह दवा डॉकटर की सलहानुसार उचित मात्रा में और निर्धारित समय तक ही लेना चाहिए। यह दवा लेने से कुछ लोगो को नींद या सुस्ती आती हैं। यह दवा लेने के बाद कोई भी जोखिम वाला कार्य जैसे की गाड़ी चलाना, मशीन पर काम करना जैसा कार्य नहीं करना चाहिए। 
  2. स्टेरॉयड दवा / Steroids : एलर्जी की तीव्रता और लक्षण अधिक होने पर एलर्जी विरोधी दवा के साथ पीड़ित को कुछ समय के लिए स्टेरॉयड दवा दी जाती हैं। यह दवा गोली, सिरप, इंजेक्शन, इनहेलर या नेबुलायझर के रूप में दे सकते हैं। इस दवा से तुरंत राहत मिलती है पर इनके दुष्परिणाम भी अनेक होने के कारण बिना डॉक्टर के सलाह से यह नहीं लेना चाहिए। 
  3. संवेदनशीलता कम करना / Immune Therapy : Immune Therapy में एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति को इंजेक्शन दिए जाते हैं जिससे एलर्जन के प्रति अति संवेदनशीलता / Allergy में कमी आकर एलर्जी के लक्षणों में भी कमी आती हैं। 
  4. अन्य / Others - ऊपर दी हुई दवा के साथ डॉक्टर आवश्यकता अनुसार एंटीबायोटिक्स, विटामिन्स, सूजन कम करने की दवा, रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने की दवा और अन्य जरुरी दवा दे सकते हैं। पीड़ित की स्तिथि गंभीर होने पर पीड़ित को अतिदक्षता विभाग में दाखिल भी करना पड सकता हैं।   
एलर्जी का उपचार करने के साथ-साथ एलर्जी की समस्या दोबारा न हो इसलिए पीड़ित व्यक्ति ने एलर्जी से बचने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। 

एलर्जी से बचने के उपाय

एलर्जी में रोकथाम ही ईलाज से बेहतर हैं। जिस किसी वस्तु या खाद्य पदार्थ (एलर्जन) से आपको एलर्जी है उससे दुरी बना कर रखे। एलर्जी से बचने के अन्य उपाय निचे दिए गए हैं :
  • घर के आस-पास का इलाका साफ़-सुधरा रखे और वहाँ गंदगी न फैलने दे। 
  • घर में खुली स्वच्छ और ताजा हवा आने (Ventilation) प्रबंध करे। 
  • जिस खाद्य पदार्थ से आपको एलर्जी होती है उसका सेवन न करे। 
  • एकदम गर्म से ठन्डे और ठण्ड से गर्म वातावरण में न आये। 
  • धुप में से घर आने के बाद सीधे पंखे के निचे न बैठे या ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। 
  • बाहर सफर करते समय मुंह और नाक को स्वच्छ रुमाल / कपडे से ढक कर रखे। आँखों को धूल, मिटटी और धुप से बचाने के लिए Sunglasses का उपयोग करे। 
  • गद्दे, रजाई, तकिये, स्वेटर को समय पर गर्म पानी से धोते रहे और धुप दिखाते रहे। 
  • अगर आपको फर वाले पालतू जानवरो से एलर्जी है तो उन्हें घर में नहीं रखना चाहिए। 
  • अगर आपको लगता है की किसी सौंदर्य प्रसाधन जैसे की लिपस्टिक, नकली जवाहरात, शैम्पू या साबुन से आपको एलर्जी होती है तो उनका उपयोग नहीं करना चाहिए। जहा तक हो सके हर्बल चीजो का इस्तेमाल करे।  
  • पराग कणो से एलर्जी होने पर पौधों से दुरी बनाकर रखे। 
  • घर पर समय पर मुंह पर कपडा बांध कर सफाई करे और मकड़ी के जाले न लगने दे। सफाई करने के लिए Vacuum Cleaner का उपयोग करे। 
  • बाहर होटल में खाने से अच्छा घर पर स्वादिष्ट और स्वच्छ खाना बनाकर खाना चाहिए। 
  • किचन, बाथरूम और हॉल में Exhaust Fan लगाये। 
  • Vitamin C और Vitamin E से एलर्जी के लक्षणों में कमी आती है इसलिए डॉक्टर की सलाह लेकर इनकी दवा लेना चाहिए या भरपूर मात्रा में हरी सब्जिया और फलो का सेवन करना चाहिए। 
  • अमेरिका में न्यूट्रिशनिस्ट द्वारा किये एक शोध में पता चला है की अगर माता अपने शिशु को पहले 4 माह सिर्फ अपना दूध पिलाये और साथ में स्वयं Vitamin C से भरपूर आहार लेती है तो बच्चे में एलर्जी का प्रमाण बेहद कम रहता हैं। माँ का दूध एंटीबाडीज से भरपूर होता है जिससे बच्चों की रोगप्रतिकार शक्ति सशक्त होती हैं। 
  • बच्चों के सफाई का ध्यान रखना चाहिए पर साथ ही उन्हें बचपन में अन्य बच्चों के साथ धूल-मिटटी में कुछ समय के लिए खेलने देना चाहिए। इससे उनके शरीर को बचपन से ही धूल मिटटी के बैक्टीरिया से पहचान होती है और साथ ही उनकी रोग प्रतिकार शक्ति मजबूत होती हैं। बच्चों को छोटी उम्र से ही पौष्टिक आहार लेनी की आदत लगानी चाहिए। 
  • सर्दी के मौसम में एलर्जी से बचने के लिए और अपनी रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए सुबह-शाम एक चमच्च च्यवनप्राश जरूर खाना चाहिए। 
एलर्जी से निपटना मुश्किल है पर अगर आप सावधानी बरते तो इस परेशानी से बच सकते है। कभी भी एलर्जी को हलके में न ले और एलर्जी के लक्षण नजर आने पर यह बढ़ने से पहले तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।

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