वजन बढ़ने और मोटापे के कारण diet reaction

आज दुनिया में हर देश में मोटापा एक बहुत बड़ी स्वस्थ्य समस्या  के रूप में उभर रहा है। भारत में ही लगभग हर घर में कोई न कोई मोटापे से ग्रस्त है। १ करोड़ से भी अधिक भारतीय बस एक ही प्रश्न से परेशान है की कोई वजह तो होंगी जिससे उनका वजन जरुरत से अधिक है और क्यों ?  क्या कारण है की उनका शरीर चर्बी की अस्वास्थ्यकर मात्रा निर्मित करता है ?

आपका वजन आपके द्वारा आपकी शारीरिक गतिविधियों में खर्च ऊर्जा और आप के द्वारा खाने में ली जा रही ऊर्जा के बिच एक बेहतरीन संतुलन है।
  1. यदि आपके हर दिन के आहार से प्राप्त ऊर्जा आपके शरीर के लिए रोजाना आवश्यक calories के बराबर है, तो आपका वजन समान बना रहेंगा। 
  2. यदि आपके हर दिन के आहार से प्राप्त ऊर्जा आपके शरीर के लिए रोजाना आवश्यक calories से ज्यादा है तो आपका वजन बढेगा, क्योंकि आपका शरीर अतिरिक्त ऊर्जा को चर्बी या Fat के रूप में संग्रहीत  कर लेता है।
  3. यदि कम आहार लिया जाता है तो आप के द्वारा संग्रहीत चर्बी आपके शरीर को कुछ समय के लिए ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे आप का वजन कम हो सकता है।   
Causes-of-Obesity-and-Weight-gain-In-Hindi

मोटापे और वजन बढ़ने के कई कारण है। कोशिश किजिए और पता लगाइए की निम्नलिखित में से कौन से पहलु आपके लिए मोटापे या वजन की समस्या खड़ी कर रहे है :
  • वंशानुगत (Hereditary) - यदि आपके माता पिता में से कोई भी या दोनों का वजन अत्याधिक है तो वंशानुगत Genes के कारण आप का वजन आसानी से बढ़ सकता है।      
  • आहार (Diet) - हम अक्सर चर्बी युक्त भोजन करते है क्यों कि वे सस्ते, स्वादिष्ट या साथ ले जाने के लिए आसानी से उपलब्ध होते है। आज हर कोई Fast Food का शौक़ीन है। 
  • शारीरिक निष्क्रियता (Sedentary Lifestyle) - आधुनिक टेक्नोलोजी और श्रम बचाने वाले उपकरणों ने हमारे जीवन को शारीरिक कड़ी मेहनत से बचा लिया है, लेकिन उन्होंने हमें सक्रिय रहने का मौका भी नहीं दिया है। आजकल चलने के लिए भी आपको समय निकालना पड़ता है जब की किसी समय आवागमन का यही एकमात्र जरिया हुआ करता था।    
  • अति आहार (Over Eating) - हम क्या खाते है और कितना खाते है यानि की खाने की Quality और Quantity इन दोनों का हमारे शरीर पर बहुत गहरा असर पड़ता है। अगर इन दोंनो में समतोल नहीं रखा जाता है तो इसका विपरीत परिणाम हमारे शरीर को ही भुगतना पड़ता है। अति आहार करने से शरीर में अस्वास्थ्यकर चर्बी का प्रमाण बढ़ जाता है। 
  • तनाव ग्रस्त (Stress) - तनाव या अप्रसन्न भावनात्मक अनुभवों के चलते आप राहत पाने के लिए खाना शुरू करते है। भूक न रहने पर भी आप खाते रहते है क्यों की इससे आप बेहतर महसूस करते है। 
  • यो-यो डायटिंग (Yo-Yo Dieting) - अक्सर लोग वजन घटाने के लिए बहुत जल्दी करते है और कम खाना खाते है। अचानक वजन में कमी आ जाने के बाद थकान और कमजोरी महसूस होती है। थकान और कमजोरी को दूर करने के लिए फिर से खाने की मात्रा बढ़ने से घटा हुआ वजन फिर से बढ़ जाता है।  घटा हुआ वजन फिर बढ़ जाने का यह यह चक्र निराशाजनक हो सकता है और बार बार वजन घटाने में मिली असफलता के कारण लोग खुद को कोसते है।   
  • गर्भधारना (Pregnancy) - गर्भधारना के दौरान स्त्री का समानत: वजन बढ़ जाता है। प्रसूति के बाद अगर स्त्री की ठीक से देखभाल न की जाए तो मोटापे की समस्या उत्पन्न हो सकती है। आजकल पढाई और नौकरी इत्यादि कारणों से स्त्रियों में विवाह और गर्भधारना की उम्र बढती जा रही है। शोध से यह पता चला है की जो स्त्री ३५ साल या उससे ज्यादा उम्र में गर्भधारन करती है उनके बच्चो में मोटापे की समस्या होने की आशंका ज्यादा होती है।   
  • माहौल (Atmosphere) - ठंडी और आरामदायक माहौल में काम करने से शरीर में कम Calories खर्च होती है जो की वजन बढ़ने की आशंका बढाती है। 
  • शराब (Alcohol) - शराब पिने वालो में  वजन बढ़ने की आशंका ज्यादा होती है। 
  • दवा (Medicine) - कुछ प्रकार की दवाइया जैसे की Anti-depressant,Beta Blockers, Steroids से वजन बढ़ने की आशंका बढती है। 
  • बीमारी (Disease) - ऐसी कई बीमारी है जिससे वजन बढ़ने की आशंका ज्यादा होती है जैसे की-Hypothyroidism, Cushing's Syndrome, Polycystic Ovary Syndrome, Arthritis etc.
आपके बढे हुए वजन या मोटापे कारण कुछ भी हो, पर स्वस्थ्य जीवन का उपाय एक ही है, और वो है वजन को कम कर नियंत्रण में लाना। सुखमयी स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए वजन को नियंत्रण में लाना अतिआवश्यक है। 

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